ईरान-इजरायल युद्ध (iran israel war) का प्रभाव

iran israel war impact on global stock market

  • मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने न केवल वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों को बढ़ा दिया है, बल्कि इसका गहरा असर दुनिया भर के शेयर बाजारों  (share bazar)  पर भी देखने को मिला है।
  • इस संघर्ष के चलते, प्रमुख टेक शेयरों सहित कई सेक्टर्स में गिरावट आई है। इसके साथ ही, बॉन्ड, सोना, और अमेरिकी डॉलर की कीमतों में भी उछाल देखा गया है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि इस ईरान-इजरायल युद्ध (iran israel war)  का असर भारतीय और वैश्विक शेयर बाजार (share bazar) पर कैसे पड़ रहा है।

जानिए ईरान-इजरायल युद्ध की खबर (iran israel war news)

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ईरान-इजरायल युद्ध (iran israel war) स्थिति क्या है?

हाल ही में, इजरायल ने लेबनान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए थे, जिसका जवाब देते हुए ईरान ने भी मिसाइलें दागीं। यह हमला हिजबुल्लाह द्वारा तेल अवीव पर मिसाइलें दागने के बाद किया गया था। इसके बाद से मध्य पूर्व में तनाव और भी बढ़ गया है। अमेरिका ने भी चेतावनी दी है कि ईरान इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमले की तैयारी कर रहा है। यह पूरा ईरान-इजरायल संघर्ष (iran israel conflict) अब वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर डालने लगा है।

इस ईरान-इजरायल युद्ध (iran israel war)  के कारण कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल आया है, जो कि भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए चिंता का विषय है। इसके साथ ही, इस युद्ध का वैश्विक शेयर बाजार (share bazar)  पर भी गहरा असर पड़ा है।

कच्चे तेल की कीमतों में उछाल

iran israel war impact on  crude oil price

  • ईरान द्वारा इजरायल पर मिसाइल हमले के बाद, कच्चे तेल की कीमतों (Crude oil prices) में अचानक भारी बढ़ोतरी देखी गई।
  • ब्रेंट क्रूड वायदा 3.5% बढ़कर $74.2 प्रति बैरल तक पहुंच गया, जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड भी 3.7% की बढ़त के साथ $70.7 प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है।
  • कच्चे तेल की कीमतों में इस वृद्धि से भारत जैसे तेल आयातक देशों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है, जहां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना बढ़ गई है। यह उछाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है, क्योंकि बढ़ती तेल की कीमतें मुद्रास्फीति को और बढ़ा सकती हैं।

भारतीय शेयर बाजार (share bazar)  पर असर

iran israel war impact on global stock market

  • इस ईरान-इजरायल संघर्ष (iran israel conflict)  का सीधा असर भारतीय शेयर बाजार (Indian stock market)  पर भी देखा गया है।
  • तेल की कीमतों में वृद्धि से भारतीय कंपनियों की उत्पादन लागत बढ़ेगी, जिससे उनकी आय पर दबाव पड़ सकता है ।
  • इसके अलावा, बाजार की अस्थिरता और वैश्विक जोखिम के कारण, विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से दूर हो सकते हैं, जिससे बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है।तेल सेक्टर के अलावा, टेक शेयरों में भी बड़ी गिरावट देखी गई है, क्योंकि निवेशक अब अधिक सतर्क हो गए हैं। कुल मिलाकर, भारतीय बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है और यह स्थिति आगे भी जारी रह सकती है।
  • वैश्विक शेयर बाजार पर असर

यह संघर्ष केवल भारतीय बाजारों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव वैश्विक शेयर बाजारों पर भी पड़ा है। अमेरिका का नैस्डैक 100 इंडेक्स मंगलवार को 2% से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ। विशेष रूप से, टेक शेयरों जैसे Apple Inc. और Nvidia Corp. में 3% से अधिक की गिरावट देखी गई।

ईरान-इजरायल युद्ध (Iran Israel War)और ईरान-इजरायल संघर्ष (Iran Israel Conflict) के चलते, अमेरिकी बाजार में भी बड़े बदलाव आए हैं। टेक सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट आई है, जो कि संकेत करता है कि यह संकट लंबा चल सकता है विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह संघर्ष जल्द समाप्त हो जाता है, तो टेक शेयरों में सुधार देखा जा सकता है, लेकिन अभी के लिए बाजार अस्थिरता से गुजर रहा है।

बॉन्ड, सोना और अमेरिकी डॉलर में उछाल

जबकि शेयर बाजारों में गिरावट देखी जा रही है, वहीं दूसरी ओर बॉन्ड, सोना, और अमेरिकी डॉलर जैसी सुरक्षित संपत्तियों में तेजी देखी जा रही है। निवेशक अब जोखिम भरे निवेशों से बच रहे हैं और सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। बॉन्ड और सोने की कीमतों में बढ़ोतरी बताती है कि ईरान-इजरायल युद्ध का शेयर बाजार पर प्रभाव ( Iran Israel War Effect on Stock Market) निवेशकों के बीच बड़ी चिंता का विषय है।

टेक सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर

मंगलवार को टेक सेक्टर के लिए सबसे बुरा दिन रहा। Apple और Nvidia जैसी प्रमुख टेक कंपनियों के शेयरों में 3% से अधिक की गिरावट आई। Nasdaq 100 Index में भी भारी गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट दिखाती है कि इस ईरान-इजरायल संघर्ष (Iran Israel Conflict) का सबसे गहरा असर टेक सेक्टर पर पड़ा है। हालांकि, अगर यह संघर्ष जल्द खत्म होता है, तो विशेषज्ञ मानते हैं कि टेक शेयरों में फिर से सुधार हो सकता है।

भारतीय निवेशकों के लिए सलाह

मौजूदा भू-राजनीतिक हालात (geopolitical situation) को देखते हुए, भारतीय निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। ईरान-इजरायल संघर्ष  (Iran Israel Conflict) और तेल की कीमतों में उछाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं। ऐसे में निवेशकों को शॉर्ट-टर्म के बजाय लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान देना चाहिए। जोखिम भरे निवेशों से बचने के लिए विशेषज्ञों की सलाह जरूर लेनी चाहिए। हालांकि, शेयर(share) बाजार में निवेश करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति और जोखिम सहनशीलता का ध्यान रखें। शेयर बाजार में जोखिम हमेशा बना रहता है, इसलिए निवेश करते समय विशेषज्ञों से सलाह लेना उचित होता है।

निष्कर्ष

ईरान-इजरायल युद्ध (iran israel war) ने न केवल कच्चे तेल की कीमतों को आसमान छूने पर मजबूर किया है, बल्कि इसका असर वैश्विक शेयर बाजारों पर भी गहरा पड़ा है। टेक शेयरों में गिरावट, बॉन्ड और सोने में तेजी, और बाजार की अस्थिरता यह सब दर्शाते हैं कि इस भू-राजनीतिक (geopolitical situation) संघर्ष का अंत जल्दी दिखाई नहीं दे रहा है ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहने और विशेषज्ञों की सलाह पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि वे इस अस्थिरता से बच सकें। 

इस ब्लॉग में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसमें प्रस्तुत आंकड़े और विश्लेषण लेखक की राय पर आधारित हैं और यह निवेश सलाह नहीं है। निवेश करने से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें। शेयर (Share) बाजार में निवेश जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए अपने निर्णयों को सावधानीपूर्वक और उचित जानकारी के आधार पर लें। लेखक या वेबसाइट इस ब्लॉग के कारण होने वाले किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। हम किसी भी शेयर को खरीदने या बेचने की सलाह नहीं देते हैं।